शादी marriage से पहले खुद को मानसिक रूप से तैयार preparation करना अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि लड़का हो या लड़की हो किसी के मन में बहुत सारी दुविधाये होती है जो शादी को लेकर के चिंतित करते हैं और होनी भी चाहिए क्योंकि शादी ब्याह marriage किसी के भी जीवन का एक ऐसा अवसर होता है |
जिसमें कोई भी अपने जीवन का एक महत्वपूर्ण कदम उठाता है, और उसे जीवन भर के लिए किसी के साथ जोड़ना होता है ,तो इस तरह मन में बहुत सारी बातें चलती है , और उन्ही बातों को लेकर के कि
- हमारा भावी जीवन कैसा होगा ?
- वह इंसान कैसा होगा जिसके साथ हमारी शादी हो रही है ?
- वह क्या करता होगा अपने फैमिली family के साथ उसका व्यवहार कैसा होगा ?
- उसके साथ में जिंदगी भर कैसे रहूंगी/रहूँगा?
- उनकी फैमिली कैसी होगी ,उनका रहन सहन कैसा होगा?
- अगर लड़की होगी तो वह यही सोचती होगी कि वह अपनी फैमिली के बीना कैसे रहेगी?
और
शादी के तैयारियों को भी लेकर के मन में बहुत सारी दुविधाये होती है ,कि क्या पहने क्या ना पहने, पसंद नापसंद इस तरह की बहुत सारी चीजें हैं जो मन में दुविधा है लाती है ।
क्योंकि शादी किसी इंसान के जीवन में बहुत बड़ा त्यौहार होता है तो उसके लिए वह बहुत ही अच्छे से तैयारी करना चाहता है पूरे दिल से!
इस तरह अपने मन में बहुत सारी दुविधाओ को लेकर के कोई भी चिंतित होगा इसलिए लड़का/लडक़ी मानसिक रूप से शादी के लिए तैयार रखना अत्यंत आवश्यक है।
लड़की हो या लड़का, शादी दोनों के लिए रोमांच और नवीनता से भरा जिंदगी life का एक नया अध्याय होता है। आपकी जिंदगी की यह नई पारी बिल्कुल वैसी ही हो, जैसा आपने सोचा है, इसलिए शादी से पहले ही शादी की तैयारी जरूरी होती है।(यह लेख आप NariArt.com पर पढ़ रहे है)
शादी से पहले खुद को शारीरिक, सामाजिक और मानसिक रूप से तैयार करने के लिए काउंसिलिंग का चलन हाल के दिनों में काफी बढ़ा है। कैसे करें शादी के लिए खुद को तैयार इसको जानें से पहले हमें सबसे पहले
1. शादी / विवाह क्या है ? what is Marriage ?
चलिए सबसे पहले तो हम यह जान लेते है की यह शादी है क्या ? क्योकि इसके बारे में जानना अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि एक शादी ही ऐसी चीज है जिसे हम जीवन पर्यंत के लिए करते हैं तो हमें मानसिक रूप से तैयार होने के लिए शादी क्या चीज है इसको भी जानना अत्यंत आवश्यक है :-
“विवाह, जिसे “शादी ,भी कहा जाता है, दो लोगों के बीच एक सामाजिक या धार्मिक social or religions मान्यता प्राप्त मिलन है ,जो दो लोगों के बीच होता है , साथ ही उनके और किसी भी परिणामी जैविक या दत्तक बच्चों तथा समाधियों के बीच अधिकारों और दायित्वों को स्थापित करता है। शादी किसी व्यक्ति के जीवन की सबसे सुखद प्रक्रिया है ,जो संस्कृति और परंपराओं को निभाते हुए बरसों से चलती चली आ रही है।
विवाह की परिभाषा न केवल संस्कृतियों और धर्मों के बीच, बल्कि किसी भी संस्कृति और धर्म के इतिहास में भी दुनिया भर में बदलती है। आमतौर पर, यह मुख्य रूप से एक संस्थान है जिसमें पारस्परिक संबंध, आमतौर पर यौन, स्वीकार किए जाते हैं या संस्वीकृत होते हैं।,तथा दो परिवारों का मिलना ,साथ मिलकर इस रस्म को निभाना होता है।
इस विवाह के समारोह को विवाह उत्सव (वेडिंग) कहते है। लड़कियों के लिए शादी का मतलब तो अलग ही होता है उनके लिये,
“शादी ” मतलब , दुल्हन के लिए ढेर सारी शॉपिंग और विवाह वाले दिन अच्छे से तैयार होना है। उसके दुखी होने की वजह यह है कि उसे पता है कि शादी के बाद उसे अपना घर छोड़कर किसी अंजान लड़के के घर जाकर रहना होगा।”
दरअसल, बहुत सी लड़कियो को जिसे शादी के सही मायने नहीं पता, बल्कि ऐसी लाखों लड़कियां हैं, जो अभी हमारे देश में, विशेषकर छोटे शहरों में, शादी को लेकर कई तरह के मिथकों से घिरी हैं। वो अपने सपनों की दुनिया में जीती हैं और जब उन्हें अपनी इस दुनिया से बाहर निकलना पड़ता है तो उनके मन को बड़ा धक्का लगता है।
इस बात से इंकार नहीं कर सकते कि विवाह हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण अध्याय है। यह लड़का और लड़की, दोनों के लिए जीवन का सबसे महत्वपूर्ण निर्णय होता है। समाजशास्त्रियों ने हमारे भारतीय समाज में विवाह को एक संस्था का नाम दिया है।
जाहिर है, इस अत्यंत महत्वपूर्ण बंधन में बंधने से पहले लड़का और लड़की, दोनों के मन में ढेर सारी उमंगें, नई जिंदगी के सपनों के साथ-साथ आपसी सामंजस्य बिठाने की कश्मकश और अपने भावी जीवन और जीवनसाथी को लेकर एक अनजाना-सा भय भी होता है।
पहले जब संयुक्त परिवार का चलन हमारे समाज में ज्यादा था, तो घर में होने वाले विवाहों को देखकर थोड़ा-बहुत अंदाजा लग जाता था और परिवार के बड़े व अन्य सदस्यों से रीति-रिवाजों एवं आपसी तालमेल के साथ वैवाहिक जीवन चलाने की सीख भी मिल जाती थी। लेकिन अब समय बदल गया है। एकल परिवार में रहने के कारण लड़के-लड़कियों के लिए ऐसे अवसर सीमित हो गए हैं।
अब यह बहुत जरूरी हो गया है कि शादी के लिए जब रिश्ते देखे जाते हैं या फिर आप खुद ही जीवनसाथी का चुनाव करती हैं तो शादी के साल भर पहले से ही अपने भावी जीवन की तैयारी शुरू कर दें। शादी की तैयारी में आजकल मैरिज काउंसिलिंग की अहम भूमिका हो गई है। आज के पढ़े-लिखे युवा शादी से पहले मैरिज काउंसलर की सलाह लेने जाने लगे हैं। शादी की तैयारी तीन स्तरों पर ज्यादा जरूरी है: मानसिक, शारीरिक एवं सामाजिक।
2. शादी से पहले अपने आप को मानसिक रूप से कैसे तैयार करे ? Mental preparation before marriage in hindi
शादी के लिए भावी पति-पत्नी के साथ-साथ दोनों परिवार के लोगों की भी काउंसिलिंग हो तो ज्यादा अच्छा है। मैरिज काउंसलर का कहना है कि पहले स्तर पर लड़के और लड़की की अलग-अलग काउंसिलिंग होनी चाहिए और फिर अगर वे विवाह से पहले एक-दूसरे से मिलते हैं तो
कोर्टशिप पीरियड के बाद दोनों को अलग-अलग बुलाकर उनकी एक-दूसरे से क्या अपेक्षाएं हैं, भावी जीवन को लेकर उनके क्या सपने हैं और उनकी इच्छाएं क्या हैं, इसके बारे में बात करनी चाहिए। बाद में दोनों को एक साथ बुलाकर उनसे बातचीत करनी चाहिए।
दोनों को ही यह बताना चाहिए कि शादी करना और एक साथ रहना क्यों जरूरी है। लड़कियों को ये बताना चाहिए कि उनमें नए माहौल के प्रति ज्यादा अनुकूलता और ग्रहणशीलता होनी चाहिए, ताकि वे ससुराल को अपना घर समझ सकें
लड़के को यह बताया जाना चाहिए कि उनकी यह जिम्मेदारी है कि वह लड़की को यह एहसास कराए कि वह किसी पराए के घर नहीं रहने जा रही, बल्कि यह उसका अपना ही घर है। वह उसे अपने घर में अपने परिवार के सदस्यों के बीच सुकून का एहसास कराए।
लड़का अपनी पत्नी और अपने परिवार के सदस्यों के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभा सकता है, ताकि उनके बीच बेहतर सामंजस्य कायम हो सके। लड़के की मां को भी यह समझना चाहिए कि उनकी बहू की उनके बेटे की जिंदगी में एक अहम भूमिका है।(यह लेख आप NariArt.com पर पढ़ रहे है)
अतः और भी कुछ ऐसी कॉमन चीजें हैं, जो यदि आप शादी करके दूसरे घर गई हैं तो आपके साथ होती ही हैं। आइए जानते हैं, वे क्या चीजें हैं, जो शादी के बाद नए घर में होंगी और जिन पर आपका अधिक नियंत्रण नहीं रह पाता है। ऐसे में आप केवल इतना कर सकती हैं कि आप मानसिक रूप से तैयार रहें।
1. ससुराल में कई पैमानों पर आपको परखा जाता है, ऐसे में यह कतई जरूरी नहीं कि आपके तौर-तरीके सबको पसंद आएं। जितने ज्यादा घर में सदस्य, उतनी अलग-अलग राय आपके बारे में बनेगी ही। ऐसे में पीठ पीछे आपकी अच्छाई-बुराई होनी तय है।
2. यदि परिवार बड़ा है तो फैमिली पॉलीटिक्स भी हो सकती है, जरूरी नहीं कि होगी ही। लेकिन हां ऐसी संभावना के लिए तैयार रहिए। धीरे-धीरे आपको सबका स्वभाव समझ में आ जाएगा।
3. आप अपने पति से प्यार करती हैं व उनका ख्याल रखने लगती हैं, जो पहले पूरी तरह आपकी सास का जिम्मा होता था तो ऐसे में उन्हें ये लग सकता है कि आप उनके बेटे को छीनने कि कोशिश कर रही हैं और मनमुटाव की स्थिति बन सकती है।
4. घरेलू मामलों में आपके पति हमेशा आपका साथ देंगे, ऐसा जरूरी नहीं है।
5. नए घर में जाने पर आपकी पर्सनल स्पेस काफी कम या खत्म ही हो जाती है। परिवार में अगर सदस्य ज्यादा हैं, तो आपको पर्सनल स्पेस मिलना और मुश्किल हो जाता है, क्योंकि अपने काम से फ्री होने के बाद भी आपको दूसरे की मर्जी का भी ख्याल रखना होता है।
6. पहले अपने पैसों का हिसाब-किताब आप खुद ही रखती थीं लेकिन शादी के बाद पैसों का मामला आपका निजी नहीं रह जाता।
7. यदि आपको तरह-तरह के व्यंजन पसंद हैं व खाने में आपको तीखा व फीका आदि पसंद हैं तो चूजी होना अब आप भूल जाइए, क्योंकि नए घर में सभी सदस्य जो खाते हैं, आपको उनके हिसाब से अपने खान-पान की आदतें बदलनी होंगी।
3. शादी से पहले अपने आप को शारीरिक रूप से कैसे तैयार करे ? Physical preparation before marriage in hindi
शारीरिक रूप से तैयार होने के लिये किसी ब्यूटी एक्सपर्ट से एक बार अवश्य पूरी बॉडी का ट्रीटमेंट करना चाहिये जिसमे मसाज, मैनी क्योर, पैडी क्योर, थ्रेडिंग आदि करवा लेनी चाहिये इससे बॉडी सुंदर दिखने लगती है और अपने आप में एक आत्म विश्वास आता है | क्योकि असली सुन्दरता आप के चेहरे में नही बल्की आप के आत्म आत्मविश्वास confidence से आती है |
शादी से पहले प्राइवेट पार्ट की पूरी सही से सफाई कर लेनी चाहिये किसी भी तरह के अनचाहे बालो को हटा देना चाहिये , यदि ब्लेड का प्रयोग अरे तो उसके तुरंत बाद उस जगह पर एलोवेरा जेल अवश्य लगाना चाहिये , वैसे अब मार्केट में अनचाहे बालो को हटाने की कई क्रीम भी मिलती है आप उनका भी प्रयोग कर सकते है पर पहले इसके लिए आप को अपने ब्यूटी एक्सपर्ट से राय ले लेनी चाहिये की आप को वो क्रीम यूज करना चाहिये अथवा नही |
शारीरिक रूप से तैयार होने के मामले में भी पहले लड़के-लड़की से अलग-अलग और बाद में एक साथ काउंसिलिंग जरूरी है। लड़कियां इस मामले में ज्यादा डरी हुई होती हैं। पति को चाहिए कि वह अपनी पत्नी की भावनाओं की कद्र करे और पहले उसे समझने की कोशिश करे।
डॉं पूजा सिंघल के मुताबिक, लड़कियों को भी सेक्स के महत्व के बारे में बताया जाना चाहिए और इसके मनोवैज्ञानिक और जीव वैज्ञानिक पहलुओं के बारे में जानकारी देनी चाहिए कि यह मानव शरीर की एक महत्वपूर्ण आवश्यकता है । लडकियों को चाहिये की वह सेक्स की जानकारी लेडी डॉक्टर या इसके एक्सपर्ट से ही लेनी चाहिये इधर उधर से ली गयी अपूर्ण जानकारी उनके स्वयं के लिए घातक हो सकती है |
लेडी डॉक्टर या नर्स से मिलकर परिवार नियोजन के विकल्पों के बारे में भी विस्तृत जानकरी लेनी चाहिये , क्योकि छोटा परिवार ही सुखी परिवार होता है | आज कल मार्केट में बहुत ही आसान, सरल और सस्ते विकल्प मौजूद है |
4. शादी से पहले अपने आप को सामजिक रूप से कैसे तैयार करे ? Social Preparation before marriage in hindi
सबसे पहले तो लड़के-लड़की को सामाजिक रीति-रिवाजों के सकारात्मक पहलुओं के बारे में जानना चाहिए। रीति-रिवाजों के क्या फायदे हैं, इनके बारे में बताया जाना चाहिए। सोलह श्रृंगार का वैज्ञानिक रूप से क्या महत्व है, इसके बारे में लड़कियों को जानकारी होनी चाहिए।
हिंदू संस्कृति में सिंदूर और मंगलसूत्र के बारे में जानकारी होनी चाहिए। उदाहरण के लिए शादी के बाद कई व्रत और उपवास लड़कियों को रखने होते हैं, उनका भी सामाजिक, सांस्कृतिक के साथ-साथ मनोवैज्ञानिक और वैज्ञानिक पहलू जानना जरूरी है।
उपवास कैसे करना चाहिए और उसके बारे में जो मिथक हैं कि पानी पी लेने पर ऐसा हो जाएगा वगैरह, को दूर कर उनका संदेह मिटाना चाहिए। लड़कियों को त्योहारों और उस दौरान होने वाले लेन-देन के महत्व के बारे में जानकारी प्राप्त करना जरूरी है।
एक साल पहले की तैयारी से इन सब बदलाव के लिए लड़कियां ज्यादा अच्छी तरह से तैयार हो जाती हैं। इसलिए ये भी
जरूरी है ,की अपने बच्चो को शादी से पहले , शादी के बारे में काउंसिलिंग करना …
जो निन्म है:-
अब सवाल यह उठता है कि शादी से पहले आखिर काउंसिलिंग क्यों जरूरी है?
दरअसल, शादी लड़के और लड़की, दोनों के जीवन में बड़े बदलाव लाती है। चूंकि दोनों की पारिवारिक पृष्ठभूमि, परवरिश, सामाजिक-सांस्कृतिक और कभी-कभी धार्मिक मूल्य अलग होते हैं, इसलिए इन सबके साथ तारतम्य बैठाकर किस तरह से अपना वैवाहिक जीवन,सुखमय एवं सौहार्दपूर्ण बनाया जाए, इसकी तैयारी जरूरी है।
साथ ही दो लोगों का अलग-अलग व्यक्तित्व, स्वभाव, पहचान एवं परिवार होता है, जिनके बीच सामंजस्य बैठाना जरूरी होता है। चाहे लव मैरिज हो या फिर अरेंज, लड़के-लड़की दोनों के लिए मानसिक संतुलन बनाए रखने और शादीशुदा जिंदगी की चुनौतियों के लिए तैयार होने के लिहाज से भी काउंसिलिंग जरूरी है।
शादी से पहले ये कुछ जरूरी बातें अवश्य जाने : Some Important Things know before marriage
1. लड़कियों को परिवार और अपने करियर के बीच संतुलन बनाए रखने की तैयारी जरूर करनी चाहिए, क्योंकि आज के प्रतियोगिता के दौर में लड़कियां भी पढ़ी-लिखी और नौकरीपेशा होती हैं। उनके लिए यह जरूरी है कि आशाओं, इच्छाओं और अपनी जिम्मेदारियों के बीच संतुलन बनाए रखें।
लेकिन इसका यह कतई मतलब नहीं है कि वे अपना अस्तित्व, अपनी पहचान और अपने पुराने दोस्तों, सहेलियों व रिश्तेदारों से पूरी तरह किनारा कर लें और अपने पति की हर बात को आंख मूंद कर मान लें।
2. आजकल चूंकि पति व पत्नी दोनों नौकरीपेशा होते हैं, खासकर बड़े शहरों में, तो ऐसे में जरूरी है कि वे आपस में तेरा-मेरा का रवैया न रखें, ईगो न पालें। ‘मेरा’ की जगह ‘हमारा’ वाली भावना रखें।(यह लेख आप NariArt.com पर पढ़ रहे है)
3. दोनों ही अपना काम और खर्चे बांट लें। खर्च का बजट मिलकर बनाने की सीख और बचत करने की आदत भी लड़के-लड़की दोनों को सीखनी होगी। तभी दोनों अपने भावी जीवन की गाड़ी को दो मजबूत पहियों की तरह अच्छी तरह खींच सकेंगे और अपना वैवाहिक जीवन खुशहाल एवं शांतिमय रख सकने में कामयाब होंगे।
4. कोर्टशिप (ये वो समय होता है जब दो अजनबी एक दूसरे को जानने लगते है और एक दूसरे के प्रति उनके अंदर प्यार की भावना पनपती है) इसलिए जरूरी है ताकि भावी पति-पत्नी को एक-दूसरे को समझने में मदद मिले। साथ ही वे एक-दूसरे को पर्याप्त समय, जगह एवं महत्व दे सकें। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि दोनों को आपस का रिश्ता, दो परिवारों के बीच का रिश्ता और रीति-रिवाज समझने में ज्यादा कठिनाई का सामना न करना पड़े।
अतः शादी के लिए मानसिक , शारीरिक और सामाजिक रूप से खुद को तैयार रखना अत्यंत आवश्यक है ।